हम आज उस युग में जी रहे हैं, जहां आदमी चांद तक पहुंच चुका है. साइंस के पास लगभर हर चीज का आधार है, लेकिन इस हाईटेक युग में अब भी कुछ लोग ऐस...
हम आज उस युग में जी रहे हैं, जहां आदमी चांद तक पहुंच चुका है. साइंस के पास लगभर हर चीज का आधार है, लेकिन इस हाईटेक युग में अब भी कुछ लोग ऐसे हैं जो अंधविश्वास की दुनिया में जीते हुए अपनी किस्मत पलटना चाहते हैं. वह बहकावे और अंधविश्वास में ऐसे काम भी कर जाते हैं जो शायद जानवर भी न करें. हैवानियत की एक ऐसी ही कहानी इंडोनेशिया के एक सीरियल किलर की है. इस शख्स ने 42 जवान लड़कियों और महिलाओं को अंधविश्वास की वजह से मौत के घाट उतार दिया था. आइए जानते हैं आखिर क्यों ये शख्स मारता था लड़कियों को.
1986 से लेकर 1997 के बीच किए सभी मर्डर
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, अहमद सुरदजी नाम के इस सीरियल किलर ने ये सारी हत्याएं वर्ष 1986 से लेकर वर्ष 1997 के बीच में की थीं. 14 साल पहले 10 जून 2008 को उसे फांसी की सजा मिली थी. उस दौरान उसने अपना गुनाह भी कबूल किया था. उसने बताया था कि अब तक वह महिला और लड़कियों को मिलाकर कुल 42 मर्डर कर चुका है. इनमें 11 नाबालिग लड़कियां भी शामिल हैं. जब उसे सजा मिली थी तब उसकी उम्र 59 साल थी.
हत्या के पीछे ये थी वजह
अपनी गिरफ्तारी के बाद सुरदजी ने बताया था कि, एक दिन उसके पिता की आत्मा उसके सपने में आई थी. उसने कहा था कि अगर वह 70 महिलाओं के लार को पीएगा तो वह अच्छा तांत्रिक बन सकता है. इसके बाद वह इस काम में लग गया. सुरदजी ने बताया कि पिता की आत्मा ने किसी भी महिला को मारने की सलाह नहीं दी थी, लेकिन उसे लगा कि अगर वह इस तरह लार का इंतजार करेगा तो जरूरी नहीं कि हर महिला लार दे और ऐसे में 70 महिलाओं की लार पीने में पूरी उम्र लग जाएगी. ऐसे में जल्दी के चक्कर में वह महिलाओं की हत्या कर उनकी लार पीने लगा.
अनुष्ठान के बहाने बनाता था शिकार
सुरदजी ने बताया कि महिलाएं अक्सर मेरे पास आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए आती थीं या उम्मीद करती थीं कि मैं उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए मंत्र जाप कर सकता हूं. वह उन्हें अनुष्ठान या जादू के बहाने गन्ने के खेत में ले जाता था, वहां गड्ढा खोदने के बाद वह उन्हें कमर तक दफना देता था और कहता था कि यह प्रक्रिया का हिस्सा है. जब वे स्थिर हो जाती थीं तो वह उनका गला घोंट देता था और उनकी लार पीता था.
इस तरह आया पुलिस की पकड़ में
अप्रैल 1997 में सुरदजी का खेल पकड़ा गया. दरअसल, एक 21 साल की लड़की, जिसका नाम केमाला था सुरदजी के खेत में मरी हुई मिली. 15 वर्षीय एक रिक्शा चालक ने पुलिस को बताया कि उसने केमाला को तीन दिन पहले सुरदजी के घर छोड़ा था. पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने शुरुआत में हत्या से इनकार किया, लेकिन पुलिस को उसके घर में केमाला का का हैंडबैग, ड्रेस और ब्रेसलेट मिल गया. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की तो उसने 42 हत्याओं की बात कबूल की. बाद में पुलिस ने उसके खेत से सभी 42 शव क्षत-विक्षत स्थिति में बरामद किए.
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