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वाराणसी कोर्ट का फैसला, सुनवाई के लायक है ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामला, हाईकोर्ट जाएगा मुस्लिम पक्ष

  वाराणसी कोर्ट (Varanasi Court) ने आज ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी विवाद मामले में अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारि...

 


वाराणसी कोर्ट (Varanasi Court) ने आज ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी विवाद मामले में अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है और फैसला दिया कि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस सुनवाई के लायक है। इस मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी। उधर, अदालत से झटका मिलने के बाद मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट का रुख करने का फैसला किया है। इसके बाद श्रृंगार गौरी के पूजन की अनुमति और परिसर के स्वामित्व के मामले को लेकर सुनवाई शुरु होगी। उधर मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन काफी सतर्क है और विवादित परिसर के आसपास कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किये गये हैं।


 

सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम



वाराणसी के पूरे कमिश्नरेट एरिया में धारा 144 (Dhara 144) भी लागू कर दी गई है। इसी के साथ संवेदनशील इलाकों में एरिया डॉमिनेशन के तहत फ्लैग मार्च एवं फुट पेट्रोलिंग के निर्देश दिए गए हैं। सभी धर्मगुरुओं एवं महत्वपूर्ण व्यक्तियों के साथ संवाद स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। इंटर डिस्ट्रिक्ट बॉर्डर्स पर चेकिंग और अलर्टनेस बढ़ाई गई है। इसी के साथ प्रशासन ने होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस में भी चेकिंग अभियान चलाया है। सोशल मीडिया पर भी लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दे दिए गए हैं।



जानिए पूरा मामला

पिछले वर्ष सिविल जज की कोर्ट में शृंगार गौरी (Shringar Gauri case) के दर्शन-पूजन की अनुमति संबंधी मांग को लेकर वादी राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने याचिका दायर की थी। प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने प्रार्थनापत्र देकर वाद की पोषणीयता (वाद चलने योग्य है या नहीं) पर सवाल उठाया। अदालत ने प्रतिवादी की अर्जी दरकिनार करते हुए सुनवाई की और ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराकर रिपोर्ट तलब कर ली। इसी दौरान अंजुमन ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जिला जज की अदालत में 26 मई से सुनवाई शुरू हुई।



जानिए पूरा मामला

पिछले वर्ष सिविल जज की कोर्ट में शृंगार गौरी (Shringar Gauri case) के दर्शन-पूजन की अनुमति संबंधी मांग को लेकर वादी राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने याचिका दायर की थी। प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने प्रार्थनापत्र देकर वाद की पोषणीयता (वाद चलने योग्य है या नहीं) पर सवाल उठाया। अदालत ने प्रतिवादी की अर्जी दरकिनार करते हुए सुनवाई की और ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराकर रिपोर्ट तलब कर ली। इसी दौरान अंजुमन ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जिला जज की अदालत में 26 मई से सुनवाई शुरू हुई।


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