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कोरिया : क्षतिपूर्ति राशि के तौर पर 25 - 25 हजार 30 दिवस के भीतर राज्य रोजगार गारंटी को कोष में जमा कराने का निर्णय पारित

  कोरिया 21 जुलाई 2023 बोरी बंधान कार्य मे फर्जी मस्टररोल के माध्यम से राशि आहरण करने के मामले में लोकपाल मलखान सिंह ने एमसीबी जिले के खड़गवा...

 कोरिया 21 जुलाई 2023

बोरी बंधान कार्य मे फर्जी मस्टररोल के माध्यम से राशि आहरण करने के मामले में लोकपाल मलखान सिंह ने एमसीबी जिले के खड़गवां विकासखण्ड के ग्राम खंधौरा के तत्कालीन सरपंच, सचिव, तथा मनरेगा के तत्कालीन तकनीकी सहायक व कार्यक्रम अधिकारी के विरुद्ध फर्जी तरीके से किये गए राशि आहरण की राशि 42 हजार 3 सौ 12 रुपये 15 दिवस के भीतर राज्य रोजगार गारंटी कोष में जमा करने का निर्णय पारित किया है। इसके साथ ही लोकपाल ने अनावेदकों को 1-1 हजार के अर्थदंड से दंडित करते हुऐ क्षतिपूर्ति राशि के तौर पर 25 - 25 हजार 30 दिवस के भीतर राज्य रोजगार गारंटी को कोष में जमा कराने का निर्णय पारित किया है। वही लोकपाल ने दोषियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की अनुशंसा की है।
लोकपाल कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार एमसीबी जिले के खड़गवां विकासखण्ड के ग्राम खंधौरा में बोरी बांध कार्य के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 4 लाख 89 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई थी, जिसका कार्य 21 जनवरी 2018 को पूर्ण कर लिया गया था, और उक्त निर्माण कार्य के सम्बंध में फर्जी मस्टरोल के माध्यम से राशि आहरण का मामला सामने आया था। जिस पर लोकपाल ने स्वतः सज्ञान लेकर जांच शुरू की थी, लोकपाल ने अपनी जांच के दौरान मनरेगा के तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी, तत्कालीन तकनीकी सहायक पंकज जायसवाल, रोजगार सहायक सुनीता साहू, तत्कालीन सरपंच रैमुन, तत्कालीन सचिव हेमलता को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था।
लोकपाल ने अपनी जांच में पाया गया कि बोरी बांध का निर्माण कार्य 21 जनवरी 2018 को पूर्ण कर लिया गया था, बावजूद इसके तकनीकी सहायक के द्वारा 20 फरवरी 2018 से 25 फरवरी 2018 के बीच मस्टररोल भरकर राशि का आहरण किया गया था, जिसका विरोध रोजगार सहायक के द्वारा किया गया था, इसके साथ ही रोजगार सहायक के द्वारा 19 जनवरी 2018 को ही पदभार ग्रहण किया गया था। जांच के दौरान पाए गए तथ्यों के आधार पर लोकपाल ने तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा, तकनीकी सहायक, तत्कालीन सरपंच - सचिव के विरुद्ध निर्णय पारित करते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की अनुशंसा की है।

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