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SAIL की ठेका पॉलिसी करा रही BSP (भिलाई इस्पात संयंत्र) में मजदूरों का शोषण

भिलाई: BSP भिलाई इस्पात संयंत्र (भिलाई स्टील प्लांट) के ठेका मजदूरों का कष्ट कम करने की कोशिश की जा रही है। लगातार आवाज उठाने का सिलसिला जार...



भिलाई: BSP भिलाई इस्पात संयंत्र (भिलाई स्टील प्लांट) के ठेका मजदूरों का कष्ट कम करने की कोशिश की जा रही है। लगातार आवाज उठाने का सिलसिला जारी है। स्टील ठेका श्रमिक यूनियन इंटक के आह्वान पर भिलाई इस्पात संयंत्र के अनेक विभागों से श्रमिकों द्वारा सदस्यता ग्रहण किया जा रहा है। संगठित होते जा रहे हैं, जिससे उनके वेतन में बढ़ोतरी होते जा रही है।


स्टील ठेका श्रमिक के कार्यकारिणी बैठक में श्रमिकों ने स्टील ठेका श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष संजय साहू को ज्ञापन सौंपा। ठेका श्रमिक तीनों शिफ्ट में कार्यरत हैं और भिलाई इस्पात संयंत्र के नियमित कर्मचारियों की भांति उत्पादन एवं लाभार्जन में पूर्ण योगदान दे रहे हैं। लेकिन भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन उत्पादन करने वाले श्रमिकों को मात्र न्यूनतम वेतन ही दिया जा रहा है। ठेका श्रमिकों को भी रात्रि भत्ता दिया जाए एवं आने वाले ठेके में राजहरा माइंस की तरह वेतन में बढ़ोतरी एवं अन्य सुविधाएं दी जाए।


ठेका श्रमिकों को भी मिले कैंटीन जोखिम भत्ता

कोक ओवन एवं ब्लास्ट फर्नेस एवं अन्य स्थानों पर कार्य करने वाले श्रमिकों ने स्टील ठेका श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष संजय साहू को ज्ञापन सौंपा कर हार्ड जॉब में काम करने वाले श्रमिकों को जोखिम भत्ता व कैंटीन भत्ता दिलाने की मांग की।


ठेका श्रमिकों को मिले आवास व सामाजिक सुरक्षा

भिलाई इस्पात संयंत्र में ठेका श्रमिकों के योगदान को देखते हुए उन्हें भी सामाजिक सुरक्षा के तहत आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, सेवाएं, काम की गारंटी एवं बेहतर कार्य वातावरण निर्मित करने की मांग की गई। उत्पादन एवं लाभार्जन में निरंतर बढ़ोतरी और बेहतर कार्य बल की उपलब्धता रहे।


बीएसपी के ठेका पॉलिसी में हो सुधार

भिलाई इस्पात संयंत्र में अभी भी प्रबंधन द्वारा जो ठेका पद्धति अपनाई जा रही है एवं ठेका की राशि तय की जा रही है, उससे श्रमिकों को पूर्ण वेतन एवं एडब्ल्यूए और छुट्टी का भुगतान नहीं हो रहा है। यूनियन का कहना है कि भिलाई इस्पात संयंत्र अभी भी एलपीपी (लास्ट परचेज प्राइस) के अनुसार ठेका कर रहा है, जिससे श्रमिकों के पूरे भुगतान को जोड़ने एवं इंजीनियरिंग एस्टीमेट से भी ठेके की राशि 20 से 30 प्रतिशत कम हो रही है, जिसके कारण श्रमिकों का शोषण हो रहा है। भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को इंजीनियरिंग एस्टीमेट से ठेका आवंटन होने से श्रमिकों को पूर्ण भुगतान होगा।


कार्यकारिणी की बैठक में सीपी वर्मा, दीनानाथ सिंह, मनोहर लाल, सुरेश कुमार, जसबीर सिंह, गुरुदेव साहू, संतोष ठाकुर, जयराम ध्रुव, रिखीराम साहू, कमलेश कुमार, टेकराम डडसेना, नारायण कुमार, दामन लाल, कान्हा, बलराम वर्मा, सुरेश कुमार टंडन, कमलेश कुमार, नारायण एवं कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित थे।

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