जगदलपुर। बस्तर के वे इलाके जो कभी नक्सलियों के कब्जे में थे वहां के छात्रों ने हमेशा खून खराबा, आईईडी विस्फोट को झेला है, कुछ ने तो हथियार त...
जगदलपुर। बस्तर के वे इलाके जो कभी नक्सलियों के कब्जे में थे वहां के छात्रों ने हमेशा खून खराबा, आईईडी विस्फोट को झेला है, कुछ ने तो हथियार तक थाम लिए। अब इन नक्सल प्रभावित इलाकों के हालात बदल रहे हैं। अब ये बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर और अधिकारी बनाने का सपना लिए गांव से शहर आ रहे हैं और इनके सपनों को बस्तर में जिला प्रशासन द्वारा संचालित ज्ञानगुड़ी उड़ान दे रही है। दो साल पहले शुरू हुई इस नि:शुल्क कोचिंग के दूसरे ही बैच के 51 बच्चों ने इस साल नीट क्वॉलिफाई कर लिया है।
एक साल में 275 से अधिक छात्रों ने लहराया परचम
ज्ञानगुड़ी की शिक्षण व्यवस्था से पिछले एक वर्ष में 275 से अधिक छात्रों ने मेडिकल, नर्सिंग, एग्रीकल्चर और अन्य परीक्षाओं में परचम लहराया है। फॉर्मेसी परीक्षा में ज्ञानगुड़ी के पांच छात्रों ने टॉप 100 में जगह बनाई, जबकि छात्र भुवनेश्वर ने वेटरनरी में राज्य में 5वीं और कृषि में 11वीं रैंक हासिल की है।
मुफ्त में मिलती है यहां शिक्षा
ज्ञानगुड़ी प्रभारी एलेक्सजेंडर चेरियन ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा संचालित यह कोचिंग सेंटर पूरी तरह मुफ्त है और सरकारी शिक्षकों द्वारा संचालित होता है, जो बच्चों के भविष्य को गढऩे में दिन-रात जुटे हैं।
हमारा लक्ष्य बस्तर के प्रतिभाशाली बच्चों को मुफ्त शिक्षा देकर उनके सपनों को साकार करना है। हमारे शिक्षक और छात्रों की मेहनत का यह नतीजा है। कई छात्र इस संस्था से पढक़र राज्य और बाहर के प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिला ले चुके हैं, और वर्तमान में प्रवेश प्रक्रिया जारी है।
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