महासमुंद। जिले में वर्षा जल संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में “मोर गांव - मोर पानी“ अभियान के तहत व्यापक जल संचयन अभियान आयोजित किया जा रहा ...
महासमुंद। जिले में वर्षा जल संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में “मोर गांव - मोर पानी“ अभियान के तहत व्यापक जल संचयन अभियान आयोजित किया जा रहा है। इस पहल की क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने आज जिले के पांचों विकासखण्ड के जमीनी स्तर से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की वर्चुअल बैठक ली। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक, अपर कलेक्टर रवि कुमार साहू सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे। बैठक में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़े मैदानी स्तर की तैयारियों की जानकारी ली गई और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
कलेक्टर लंगेह ने कहा कि जिले में गिरते भूजल स्तर को सुधारने और वर्षा जल के संरक्षण के लिए जिले में “मोर गांव - मोर पानी” अभियान के अंतर्गत विशेष जल संचयन अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत सभी नागरिक श्रमदान कर अपने-अपने घरों में सोख पिट (सोख्ता गड्ढा) का निर्माण करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी जमीनी स्तर के अधिकारी इसके लिए पूरी तैयारी कर ले। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव में लोगों से संपर्क कर इसके लिए जागरूक करे। गांव में इसके लिए मुनादी कर दी जाए। उन्होंने कहा कि यह अभियान पहले शासकीय भवनों जैस आंगनबाड़ी, स्कूल, पंचायत से शुरू की जा रही है। तत्पश्चात इसका विस्तार किया जाएगा। जिले में अभी तक 3078 सोखता गड्ढा का निर्माण जनभागीदारी से किया गया है। यह अभियान अभी जारी है। साथ ही ऐसे बंद पड़े या खराब हो चुके बोर की पहचान की गई है जिसे इंजेक्शन रिचार्ज पिट के माध्यम से पुनर्जीवित किया जाएगा। ऐसे 60 बोर की पहचान की गई है। सभी जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं। वर्षा जल संचयन की सोच को साकार करने की दिशा में एक सार्थक पहल है। यह जन सहभागिता से ही संभव हो सकता है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है।
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