रायपुर। राज्य की भौगोलिक स्थिति का लाभ लेते हुए लॉजिस्टिक सेक्टर तथा ई-कॉमर्स की राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को लॉजिस्टिक हब की स्थ...
रायपुर। राज्य की भौगोलिक स्थिति का लाभ लेते हुए लॉजिस्टिक सेक्टर तथा ई-कॉमर्स की राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को लॉजिस्टिक हब की स्थापना के लिए निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा। राज्य की भंडारण क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे प्रदेश के उद्योगों, व्यापारियों और किसानों को सस्ती भंडारण सुविधा मिलेगी। प्रदेश में लॉजिस्टिक में लगने वाली लागत कम होने से व्यापार, निवेश एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। राज्य के उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने बताया कि औद्योगिक विकास नीति में अब तक लॉजिस्टिक हब के लिए अलग से कोई प्रावधान नहीं किया गया था। लॉजिस्टिक सेवाओं के लिए वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज के समान निवेश प्रोत्साहन निर्धारित किया गया।
अब निजी निवेशकों को न्यूनतम 5 एकड़ भूमि पर विकसित लॉजिस्टिक हब के लिए अधोसंरचना लागत (भूमि को छोड़कर सड़क, रेल, वायु से संबंधित) का 40 फीसदी या अधिकतम 140 करोड़ रुपए अनुदान मिलेगा। इसके अतिरिक्त स्टांप शुल्क से पूर्ण छूट, भूमि के पंजीयन शुल्क में 50 फीसदी की प्रतिपूर्ति एवं भू-पुननिर्धारण कर में 100 फीसदी की छूट दी जाएगी। बस्तर एवं सरगुजा संभाग में लॉजिस्टिक पार्क या फिर हब की स्थापना पर 10 फीसदी अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा।
मंत्री देवांगन ने बताया कि राज्य में निजी लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए न्यूनतम 15 एकड़ भूमि में, लॉजिस्टिक पार्क स्थापित करने पर आंतरिक अधोसंरचना लागत भूमि को छोड़कर 40 फीसदी अथवा 25 लाख प्रति एकड़ जो न्यूनतम हो प्रदाय होगा। इसी तरह बाहरी अधोसंरचना (एप्रोच सड़क, विद्युत लाइन पानी के लिए पाइप) पर किए गए व्यय की प्रतिपूर्ति 50 फीसदी की दर से अधिकतम 5 करोड़ तक देय होगी। इसके अतिरिक्त स्टांप शुल्क से पूर्ण छूट, भूमि के पंजीयन शुल्क में 50 फीसदी की प्रतिपूर्ति, डायवर्सन शुल्क में 100 फीसदी की छूट दी जाएगी। निजी लॉजिस्टिक पार्क के विकासकर्ता स्वयं के दौरान निर्धारित नियम एवं शर्तों के अनुसार भूमि का आवंटन कर सकेंगे। साथ ही लॉजिस्टिक सेवाओं का संचालन कर सकेंगे।
ट्रांसपोर्ट हब को भी अलग से प्रोत्साहन
नई नीति में ट्रांसपोर्ट हब को भी अलग से प्रोत्साहन दिया जाएगा। नगरों के बाहर भारी वाहनों के पार करने व सामान की लोडिंग अनलोडिंग करने के लिए 5 एकड़ की भूमि पर ट्रांसपोर्ट हब की स्थापना करने पर अनुदान मिलेगा। इसके तहत अधोसंरचना लागत का 35 फीसदी या अधिकतम सीमा 5 करोड़ रुपए प्रदान किया जाएगा।
सात शहरों में बनेंगे व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स
कैबिनेट ने प्रदेश के विभिन्न विभागों, निगम, मण्डल, कम्पनी व बोर्ड के पूर्व निर्मित एवं जर्जर भवनों सदुपयोग के लिए रिडेवलपमेंट योजना अंतर्गत 7 योजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें शांति नगर रायपुर, बीटीआई शंकर नगर रायपुर, कैलाश नगर राजनांदगांव, चांदनी चौक फेस-2 जगदलपुर, सिविल लाइन कांकेर, क्लब पारा महासमुंद, कटघोरा कोरबा शामिल हैं। इन स्थानों पर सरकार व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स का निर्माण करेगी।
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