भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने भारतीय नौसेना के दो उन्नत फ्रंटलाइन युद्धपोतों, आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि के लिए करीब...
भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने भारतीय नौसेना के दो उन्नत फ्रंटलाइन युद्धपोतों, आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि के लिए करीब 8,000 टन क्रिटिकल-ग्रेड स्टील की आपूर्ति करके देश के रक्षा क्षेत्र के साथ अपनी महत्वपूर्ण साझेदारी जारी रखी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में, विशाखापट्टनम में हुए कार्यक्रम के दौरान, इन दोनों फ्रिगेटों को मंगलवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
बीएसपी के अधिकारियों ने बताया कि भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी)-सेल ने भारतीय नौसेना के इन दोनों उन्नत युद्धपोतों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कंपनी ने मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड के साथ साझेदारी करते हुए, बोकारो, भिलाई इस्पात संयंत्र और राउरकेला स्टील प्लांट्स से क्रिटिकल ग्रेड की हॉट-रोल्ड शीट और प्लेट्स की आपूर्ति की।
यह सीधे तौर पर आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की पहल से जुड़ा हुआ है। रक्षा जरूरतों के लिए विशेष गुणवत्ता वाले स्टील उपलब्ध करने की दिशा में भारत की आयात पर निर्भरता को घटाता है। जहाजों के लिए स्टील से तैयार किए जटिल डिजाइन आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि जैसे जहाजों को नौसेना में शामिल करना, यह दिखाता है कि भारत अब देश में ही अपने जहाजों के लिए बुनियादी स्टील से लेकर इनके जटिल डिजाइन बनाने और कुशल चालक दल तक को विकसित करने में सक्षम है। देश की रक्षा प्रणाली की ताकत और मजबूत नींव को प्रदर्शित करता है।
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