नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट ने बायोमेडिकल रिसर्च करियर प्रोग्राम (BRCP) के तीसरे चरण (फेज III...
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट ने बायोमेडिकल रिसर्च करियर प्रोग्राम (BRCP) के तीसरे चरण (फेज III) को मंजूरी दे दी है। यह चरण 2025-26 से 2030-31 तक लागू होगा, और इसके बाद 2031-32 से 2037-38 तक जारी रखने के प्रस्ताव हैं, जिससे कुल 12 वर्षों में इस कार्यक्रम का संचालन होगा। इसका कुल लागत अनुमान 1,500 करोड़ रुपये है, जिसमें विभाग ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी (DBT) 1,000 करोड़ और यूनाइटेड किंगडम की वेलकम ट्रस्ट (WT) 500 करोड़ रुपये का योगदान देगा।
फेज III का उद्देश्य भारत में उच्च स्तरीय बायोमेडिकल रिसर्च के लिए बेहतरीन वैज्ञानिक प्रतिभा को विकसित करना, अंतर-विषयक शोध को बढ़ावा देना, और गुणवत्तापूर्ण शोध के लिए सिस्टम को मजबूत करना है। यह चरण देश में वैज्ञानिक क्षमता के क्षेत्रीय अंतर को कम करने और वैश्विक स्तर पर प्रभाव डालने वाली बायोमेडिकल रिसर्च को सशक्त बनाने पर केंद्रित होगा।
BRCP की शुरुआत DBT और Wellcome Trust, UK के साझेदारी में 2008-09 में हुई थी। इस कार्यक्रम ने भारत में विश्व स्तरीय बायोमेडिकल शोध के लिए शोध फेलोशिप और ग्रांट प्रदान की। इसके बाद, फेज II को 2018-19 में और अधिक विस्तार के साथ लागू किया गया था।
अर्ली करियर और इंटरमीडिएट रिसर्च फेलोशिप्स — बुनियादी, क्लिनिकल और पब्लिक हेल्थ रिसर्च के लिए, जो वैज्ञानिक करियर के प्रारंभिक चरणों के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक की सुविधाएं प्रदान करेंगी।
कोलैबोरेटिव ग्रांट्स प्रोग्राम — इसमें करियर डेवलपमेंट ग्रांट्स और कैटालिटिक कोलैबोरेटिव ग्रांट्स शामिल हैं, जो मजबूत शोध रिकॉर्ड वाले भारतीय शोधकर्ताओं की टीमों के लिए होंगे।
फेज III में मेंटरशिप, नेटवर्किंग, जनसंवाद और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय भागीदारी को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इस कार्यक्रम से 2,000 से अधिक छात्रों और पोस्टडॉक्टोरल फेलो को प्रशिक्षण मिलेगा, उच्च प्रभाव वाले शोध प्रकाशनों का निर्माण होगा, पेटेंट योग्य खोजें संभव होंगी, और महिलाओं के समर्थन में 10-15% वृद्धि होगी। साथ ही, 25-30% सहयोगी कार्यक्रम TRL4 और उससे ऊपर की स्थिति तक पहुंचेंगे।
फेज I और II ने भारत को बायोमेडिकल विज्ञान के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित किया है। फेज III इस दिशा में एक नई रणनीतिक पहल है, जो राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और वैश्विक मानकों के अनुरूप प्रतिभा, क्षमता और अनुवाद पर निवेश करेगी।

No comments