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बिहान से जु़ड़कर निर्मला के जीवन में आया सकारात्मक बदलाव

  रायपुर, 26 नवंबर 2025 जहां चाह वहां राह यह उक्ति साकार हो रही है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ की हितग्राही विकासखण्ड फरसगांव के...

 


रायपुर, 26 नवंबर 2025 जहां चाह वहां राह यह उक्ति साकार हो रही है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ की हितग्राही विकासखण्ड फरसगांव के ग्राम पंचायत चरकई की जय राम स्व सहायता समूह की सदस्य निर्मला शोरी सफलता की नई कहानी लिख रही है। समूह के माध्यम से कृषि कार्य के साथ किराना दुकान का संचालन कर आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार कर रही है। इन गतिविधियों से उनकी सालाना आय 01 लाख 20 हजार रूपए तक पहुंच गई है।

स्व सहायता समूह जय राम स्वसहायता समूह की सचिव निर्मला शोरी जो गांव चरकई की रहने वाली है, समूह से जुड़ने के बाद उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। वे न केवल स्वयं आत्मनिर्भर हुई हैं, बल्कि अपने पूरे परिवार की आजीविका को चलाने में सक्षम हुई हैं। निर्मला को समूह के माध्यम से 15 हजार रूपए की आएफ राशि और 60 हजार सीआईएफ राशि प्राप्त हुई है। इस प्रकार निर्मला को समूह से कुल 75 हजार रूपए की अनुदान राशि एवं ऋण राशि प्राप्त हुई है। उनके द्वारा कृषि कार्य, किराना दुकान, सब्जी उत्पादन जैसे आजीविका गतिविधियां की जा रही है।

समूह से जुड़ने से पहले निर्मला कृषि मजदुरी करती थी। पहले उनकी परिवार की आय 40 हजार रूपए सालाना था। समूह से जुड़ने के बाद कृषि के साथ किराना दुकान का संचालन शुरू किया, जिससे उनकी आमदनी में बढ़ोत्तरी हुई। वे धान व मक्के की खेती से उन्हें 50 हजार रूपए, किराना दुकान से लगभग 50 हजार रूपए और सब्जी उत्पादन से लगभग 20 हजार रूपए की राशि सहित निर्मला शोरी को सालाना लगभग 01 लाख 20 हजार रूपए की सालाना आमदनी हो रही है।

विभिन्न आजीविका गतिविधियों से निर्मला आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ अब दोगुनी आय प्राप्त कर रही है, जिससे वे अपने परिवार का बेहतर पालन पोषण करने में सक्षम हुई है और उनके परिवार की जीवन स्तर में सुधार आया है। इसी तरह शासन की एनआरएलएम जैसे पहल से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है और इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा महिलाओं को लखपति दीदी बनाने की जो पहल की गई है, उससे कई ग्रामीण महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होकर आत्मनिर्भरता की राह में निरंतर आगे बढ़ रही हैं।


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